
बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमले का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. इस मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. हमले के आरोप में पुलिस ने शरीफुल इस्लाम को गिरफ्तार किया है, जिससे पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है. इससे पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने दुर्ग रेलवे स्टेशन से आकाश कनौजिया नाम के शख्स को गिरफ्तार किया था. हालांकि बाद में जांच के बाद उसे छोड़ दिया गया. लेकिन इस दौरान उसकी जिंदगी पूरी तरह से बिखर गई. आकाश की नौकरी चली गई, उसकी सगाई टूट गई और बदनामी ने उसके और उसके परिवार की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित किया. आकाश के पिता ने बताया कि उनके बेटे को दुर्ग (छत्तीसगढ़) से पुलिस ने हिरासत में लिया और घंटों पूछताछ की. बाद में जब पुलिस को समझ में आया कि आकाश असली आरोपी नहीं है, तो उसे छोड़ दिया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस की गलती की वजह से आकाश की जिंदगी बर्बाद हो गई, उसे न्याय कौन दिलाएगा?
बदनामी की वजह से आकाश बुरी तरह टूट गया.
पिता ने बताया कि इस घटना की वजह से आकाश को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा और उसकी मंगेतर ने भी शादी तोड़ दी. इन सब बातों की वजह से उनका बेटा गहरे सदमे में है. पिता के मुताबिक आकाश अपने परिवार से भी ठीक से बात नहीं कर रहा है. बदनामी की वजह से वह बुरी तरह टूट चुका है. वह दिनभर गुमसुम रहता है और किसी से ज्यादा बात नहीं करता. उन्होंने बताया कि बेटे की इस हालत की वजह से उनका पूरा परिवार दुखी है.
पिता ने पुलिस से गलती स्वीकार करने की मांग की.
आकाश के पिता ने मुंबई पुलिस से अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मेरा बेटा निर्दोष था. उस दिन वह कल्याण से ट्रेन में सफर कर रहा था, लेकिन उसे दुर्ग स्टेशन पर रोक लिया गया और गलत तरीके से आरोपी बना दिया गया. अब उसकी जिंदगी बर्बाद हो गई है. मैं उसका दर्द नहीं देख सकता. उन्होंने कहा कि पुलिस की गलती ने उनके परिवार को तबाह कर दिया है.
सरकार को मेरे बेटे को नौकरी देनी चाहिए.
वहीं इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं. आकाश के परिवार ने न्याय की मांग की है और उम्मीद जताई है कि उनका बेटा जल्द ही इस सदमे से बाहर आ जाएगा. आकाश के माता-पिता भी अपने बेटे की बदनामी से काफी आहत हैं. पिता का कहना है कि सरकार को उनके बेटे को दूसरी नौकरी देनी चाहिए. उन्होंने कहा कि एक बार बदनामी हो जाने के बाद उसे वापस नहीं लाया जा सकता, लेकिन सरकार को कम से कम उन्हें नौकरी देकर सम्मान तो देना चाहिए।
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